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महाराष्ट्र राज्यामध्ये कडधान्य पिकाखाली 35 लाख हेक्‍टर क्षेत्र असून उत्पादन 20.75 लाख टन आहे.

Updated on 30 October, 2022 6:47 AM IST

महाराष्ट्र राज्यामध्ये कडधान्य पिकाखाली 35 लाख हेक्‍टर क्षेत्र असून उत्पादन 20.75 लाख टन आहे. महाराष्ट्रात हरभरा पिका खालील क्षेत्र 12.93 लाख हेक्‍टर, उत्पादन 9.86 लाख टन, तर उत्पादकता 763 किलो प्रति हेक्‍टरी आहे. ही उत्पादकता वाढवायची असेल खालील सुधारित तंत्रज्ञानाचा व लंब करणे क्रमप्राप्त आहे.

सुधारित वाण: विशाल, दिग्विजय, फुले विक्रम आकाश हे वाण मर रोग प्रतिकारक्षम असून जिरायत बागायत तसेच उशिरा पेरणीसाठी योग्य आहेत.

कांदा, हरबरा, गव्हू,मका उत्पन्न वाढीसाठी सल्ला

Varieties are disease resistant and suitable for horticulture as well as late sowing. काबुली काक २ कृपा BDNG ७९८ लागवड: हरभऱ्याची पेरणी पाभरीने करतात दोन ओळीतील अंतर 30 सेंटिमीटर व रूपातील अंतर 10 सेंटिमीटर असे ठेवावे, परंतु सरी-वरंब्यावर हरभरा

चांगला येतो, भारी जमिनीत 90 सेंटिमीटर रुंदीच्या सऱ्या सोडाव्यात आणि वरंब्याच्या दोन्ही बाजूला 10 सेंटिमीटर अंतरावर एक बियाणे टोकावे. बीबीएफ वर हरभरा लागवड करण्याची पद्धत मुळे बियाण्याची 66 टक्के बचत होते.हरभरा एकात्मिक अन्नद्रव्य व्यवस्थापन शेणखत : २ टन/एकररासायनिक खते : हरभरा पिकास एकरी नत्र १०

किलो, स्फुरद २० किलो व पालाश १२ किलो द्यावे. शिफारशीत खतमात्रा पेरणीच्या वेळी एकाच वेळी दोन चाड्याच्या पाभरीने पेरून द्यावी.जमिनीच्या प्रकारानुसार रासायनिक खतांचा वापर (एकरी)काळी जमीन किंवा तांबड्या रंगाच्या जमिनीयुरिया - २२ किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट - १२५ किलोम्युरेट ऑफ पोटॅश - २० किलो

 

डॉ सूर्यकांत पवार रामेश्वर ठोंबरे विभागीय कृषि विस्तार शिक्षण केंद्र औरगाबाद

English Summary: Read and apply improved gram cultivation techniques
Published on: 28 October 2022, 08:08 IST

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