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चारा पिकाचे व्यवस्थापन : दुभत्या जनावरांना वर्षभर समतोल चारा उपलब्ध असणे ही यशस्वी दुग्धोत्पादनाची पहिली पायरी आहे. समिश्र चारा उत्पादन हे जनावराच्या समतोल आहाराचे दृष्टीने महत्वाचे आहे ते साध्य करण्यासाठी एकदल व व्दिदल चारा पिके घ्यावीत. एकदल व व्दिदल चान्याचे प्रमाण निम्मे निम्मे असावे.

Updated on 08 June, 2022 5:56 PM IST

चारा पिकाचे व्यवस्थापन: दुभत्या जनावरांना वर्षभर समतोल चारा उपलब्ध असणे ही यशस्वी दुग्धोत्पादनाची पहिली पायरी आहे. समिश्र चारा उत्पादन हे जनावराच्या समतोल आहाराचे दृष्टीने महत्वाचे आहे ते साध्य करण्यासाठी एकदल व व्दिदल चारा पिके घ्यावीत. एकदल व व्दिदल चान्याचे प्रमाण निम्मे निम्मे असावे.

चारा पिकांची लागवड: भरपूर व उत्कृष्ट प्रतीचा चारा सातत्याने मिळविण्यासाठी धान्य पिकाप्रमाणेच पिक लागवडीचे नियोजन करावे. योग्य चारा पिकाची निवड, जमिनीची निवड, पूर्वमशागत, योग्य वाणाची निवड, खत व पाणी व्यवस्थापन या गोष्टी विचारात घेवून चारा पिकांची लागवड करावी.

चारा पिकांचे वर्गीकरण

अ) एकदल चारा पिके : ज्वारी, मका, बाजरी, ओट, अनेक प्रकारची गवते इत्यादी.
ब) व्दिदल चारा पिके : चवळी, लसूणघास, सुबाभूळ, स्टायलो इत्यादी.
क) गवत वर्गीय चारा पिके : गजराज, मारवेल, अंजन, पॅराग्रास

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अधिक उत्पादन देणारे धारा पिकांचे सुधारीत वाण

प्रा. संजय बाबासाहेब बड़े
सहाय्यक प्राध्यापक (कृषि विद्या) दादासाहेब पाटील कृषी महाविद्यालय दहेगांव
ता.वैजापूर जि. औरंगाबाद. पिन कोड -४२३७०३
मो.नं. ७८८८२९७८५९

English Summary: Cultivation technique of Kharif fodder crop
Published on: 08 June 2022, 05:56 IST

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