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तर शेतकरी मित्रहो आपण या मालिकेमध्ये शेती

Updated on 08 September, 2022 9:47 PM IST

तर शेतकरी मित्रहो आपण या मालिकेमध्ये शेती उपयोगी प्रत्येक जिवाणूंची माहिती बघत आहोत ,तर आज आपण जाणून घेऊयात.अ‍ॅझोटोबॅक्टर या जीवाणूंचा शोध १९०१ मध्ये सर्व प्रथम बायजेरिकिया या शास्त्रज्ञाने लावला

हे जिवाणू शेंगवर्गिय पिके वगळता इतर एकदल व तृन धान्य पिकांच्या मुळानभोवती राहून असहजिवी पद्धतीने नत्र वायू अमोनियात रूपांतर करतात.

हे ही वाचा - डॉ. विलास भाले यांचे सन्मानार्थ "कृतज्ञता व निरोप सभारंभ" आणि सभागृह झाले स्तब्ध....

असहजिवी पद्धतीने नत्र वायू अमोनियात रूपांतर करतात By converting the otherwise gas into ammonia in an uncomfortable manner ,त्यामुळे नत्र पिकांना उपलब्ध होतो हे जिवाणू पिकांच्या मुळावर गाठी न बनवता

मुळाभोवती राहून असहजीवी पद्धतीने नत्र स्थिरीकरण करतात. तसेच हे जिवाणू बीजांकुरण व पीक वाढीसाठी उपयुक्त अशा काही रसायनांचा स्त्राव तयार करून प्रति हेक्टरी १५ ते २० किलो नत्र पुरवितात. त्यामुळे उत्पादनात १० ते २५ टक्के वाढ

झाल्याचे दिसून येते. या जिवाणूंचा उपयोग एकदल व तृणधान्य पिके उदा. ज्वारी, मका, भात, गहू, ऊस, कपाशी, भाजीपाला, फळझाडे , फुलझाडे, हळद ,आले इत्यादीं साठी केला जातो.

English Summary: "Bacterial Fertilizer Information Series Special Azotobacter".
Published on: 08 September 2022, 08:58 IST

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